A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
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Amongst Hindus around the globe, It's really a very popular belief that chanting the Chalisa invokes Hanuman's divine intervention in grave difficulties.
हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि रामायण के बाद सबसे प्रसिद्ध रचना है।
नाली के कीड़े से ब्राह्मण कुमार तक - प्रेरक कहानी
भावार्थ – हे महाप्रभु हनुमान जी! संसार के जितने भी कठिन कार्य हैं वे सब आपकी कृपामात्र से सरल हो जाते हैं।
tumaTumaYou rakshakaRakshakaProtect kāhūKāhūWhy? or of whom daranāDaranāBe afraid This means: Using refuge in you a single finds all contentment and joy; you’re the protector, why be feared?.
Eventually, Rama discovered his divine powers because the incarnation of the God Vishnu, and slew Ravana and the remainder of the demon Military. Ultimately, Rama returned to his house of Ayodhya to return to his location as king. Following blessing all those who aided him from the fight with gifts, Rama gave Hanuman his reward, which Hanuman threw absent.
भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।
व्याख्या — श्री हनुमान जी का नाम लेनेमात्र से भूत–पिशाच भाग जाते हैं तथा भूत–प्रेत आदि की बाधा मनुष्य के पास भी नहीं आ सकती। श्री हनुमान जी का नाम लेते ही सारे भय दूर हो जाते हैं।
व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
A number of people keep a partial or entire rapidly on possibly of All those two days and bear in mind Hanuman plus the theology he signifies to them.[109]
यहाँ सर्वसुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख से है जो श्री मारुतनन्दन के द्वारा ही मिल सकता है।
By your grace, a single will go to the immortal abode of Lord Rama right after death and continue being devoted to Him.
व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा में श्री हनुमान जी की click here स्तुति करने के बाद इस चौपाई में श्री तुलसीदास जी ने उनसे अन्तिम वरदान माँग लिया है कि हे हनुमान जी! आप मेरे हृदय में सदैव निवास करें।